मेरा नाम राधिका गुप्ता है, मैं चण्डीगढ़ की रहने वाली हूं। मेरी उम्र 25 साल की है। मैं एक नामी एयरलाइन्स में ऐयर होस्टेस के तौर पर काम करती हूं। मुझे अपना पेशा इसलिए बताना पड़ रहा है क्योंकि मेरी कहानी भी मेरे पेशे से ही जुड़ी हुई है। एयरहोस्टेस बनने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी। मुझे पहले अपनी फिगर को सुडौल बनाना पड़ा। फिर अपनी रंगत में निखार लाना पड़ा। उसके बाद मैंने एक इंस्टीट्यूट से एयर होस्टेस का कोर्स भी किया। जैसे-तैसे करके मुझे यह नौकरी मिल गई लेकिन मुझे नहीं पता था कि ये पेशा मेरा पेशा ही बदलकर रख देगा। मैंने तीन साल तक एक छोटी एयरलाइन में काम किया और उसके बाद मुझे बड़ी एयरलाइन में अप्लाई करना था। इसके लिए मुझे काफी कुछ दांव पर लगाना पड़ा या यूं कहें कि मुझे अपना मनचाहा मुकाम हासिल करने के लिए खुद को बेचना तक पड़ गया। hindipornstories.com मेरी इस कहानी में मैं आपको बताने जा रही हूं कि मेरी नौकरी ने कैसे मेरी जिंदगी बदल दी। मैं उस वक्त 23 साल की थी और मुझे कंपनी में काम करते हुए एक साल ही बीता था। मुझे नहीं पता था कि बाहर से चमचमाती यह फील्ड अंदर से चूल्हा है जिसकी कालिख मेरे चरित्र पर भी लग गई।
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गर्लफ्रेंड ने ख़ुशी ख़ुशी अपनी चूत चुदाई,, हेल्लो दोस्तों मेरा नाम सचिन हैं। मैं बांदा जिलें मे रहता हूँ। मेरी उम्र 25 साल है मैं देखने में ज्यादा स्मार्ट तो नहीं लगता। लेकिन सेक्स के प्रति मेरी रुचि दिन ब दिन बढ़ती ही गई। मैंने 18 साल की उम्र से ही मुठ मारना शुरु कर दिया था। बचपन से ही मेरे दोस्त मेरे को यह सब करना सिखा दिए थे। छोटी उम्र में भी मेरे बड़े बड़े दोस्त थे। उन्हें यह सब कुछ पता था। उस समय मेरा एक दोस्त मेरे से 10 साल का बड़ा था। उसकी शादी हो चुकी थी। जब भी वो अपनी बीबी का काम लगाता था तो बहोत सारी फोटो खींच लेता था। फिर वह मेरे को अकेले में दिखाता था। मेरे को यह सब देखने में बहुत मजा आता था। हफ्ते में दो तीन बार तो ऐसा वह कर ही जाता था। उसी ने मेरे को लंड हिलाना सिखाया। वह मेरे को हर दिन कुछ नया सेक्स का पाठ पढ़ाता था।
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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम जगतपाल है। मै होशियार पुर में रहता हूँ। मै 27 साल का जवान मर्द हूँ। मेरे को चुदाई की लत काफी पहले लग चुकी थी। इंसान को जैसे दारू जरूरी हो जाती है, उसी तरह मेरे लिए चूत हो गयी। हर दिन नए चूत के बारे में सोचता रहता था। मै भी यहाँ काम धंधे के चक्कर में आया था। जिस मोहल्ले में रहता था, वहाँ के लोग काफी गरीब थे। वहाँ लडकियां पैसो के लिए अपनी चूत की कुर्बानी दे देती थी। मैं भी वहाँ चूत पाता था। इसलिए वही काफी दिनों से रह रहा था। जब मेरे को लगा की यहां चूत की कमी होने लगी है। तो मैंने वहाँ का रूम छोड़ने की सोचने लगा। उस मोहल्ले की लगभग सारी अच्छी लड़कियों को चोद चुका था। सर्दियों के दिन थे। दोपहर का समय था।